23.1.17

तिमारदारी का बदलता स्वरुप.

     पिताजी बीमार पड़ गये, उन्हें आनन-फानन में नज़दीक के अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा । अस्पताल पहुँचते ही बेटे ने अस्पताल के बेड पर उनकी फोटो खींची और फेसबुक-वॉट्सएप पर Father ill admitted to hospital  स्टेटस के साथ अपलोड कर दी ।

           
फेसबुकिया यारों ने भी 'Like' मार-मार कर अपनी 'ड्यूटी' पूरी कर दी । बेटा भी अपने मोबाइल पर पिताजी की हालत 'Update' करता रहा । पिताजी व्याकुल आँखों से अपने 'व्यस्त' बेटे से बात करने को तरसते रहे...! 

           
आज बेटे ने देखा कि पिताजी की हालत कुछ ज्यादा ख़राब है ! पुराना वक्त होता तो बेटा भागता हुआ डाक्टर को गुहार लगाता, पर उसने झट से 'बदहवास' पिता की एक-दो फोटो और खींच कर 'Condition critical'  के स्टेटस के साथ अपलोड कर दीफेसबुकिया यारों ने हर बार की तरह इस बार भी अपनी ज़िम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभा दी ।

           
दो-चार घनिष्ठ मित्रों ने बेहद मार्मिक कमेंट कर अपने संवेदनशील होने का प्रमाण दिया । 'वाह ! इनकी आँख के आँसू भी साफ दिख रहे हैं । 'फोटो  कैमरे से लिया है या मोबाइल से ?'

           
तभी नर्स आई - 'आप ने पेशेंट को दवाई दी

            दवाई

           बिगड़ी हालत देख, नर्स ने घंटी बजाई 'इन्हें एमरजेंसी में ले जा रहे हैं !

           
थोड़ी देर में 'बेटा' लिखता है- 'पिताजी चल बसे ! सॉरी..नो फोटो..मेरे पिताजी का अभी-अभी देहांत हो गया !  ICU में फोटो खींचनी अलाउड नहीं थी....'

           
कुछ कमेंट्स आए - 'ओह, आखरी वक्त में आप फोटो भी नहीं खींच पाए !'

           '
अस्पताल को अंतिम समय पर यादगार के लिए फोटो खींचने देना चाहिए थी !'

            'RIP'       'RIP'

            '
अंतिम विदाई की फोटो जरूर अपलोड करना'

           
पिताजी चले गए थे... पर बेटा संतुष्ट था.... इतने 'लाइक' और 'कमेंट्स' उसे पहले कभी नहीं आए थे....

           
कुछ खास रिश्तेदार अस्पताल आ गए थे...      कुछ एक ने उसे गले लगाया...     गले लगते हुए भी बेटा मोबाइल पर कुछ लिख रहा था ।

           
बेटा कितना कर्त्तव्यनिष्ठ था !  बाप के जाने के समय भी.... सबको 'थैंक्स टू ऑल' लिख रहा था...!

           
रिश्ते अपना नया अर्थ खोज रहे थे !

2 टिप्‍पणियां:

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